यूपीआईटीएस: वैश्विक व्यापार मानचित्र पर उत्तर प्रदेश की नई पहचान, 2025 संस्करण से और बढ़ेंगी उम्मीदें
ख़बर भारत डेस्क

~ निवेश और निर्यात का बड़ा मंच बना यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो
~ 2023 और 2024 में मिली अभूतपूर्व सफलता ने बढ़ाया भरोसा, तीसरे संस्करण से और बड़ी उड़ान की तैयारी
~ 2024 में बी2बी और बी2सी के माध्यम से 2200 करोड़ रुपए से अधिक के मिले निर्यात ऑर्डर
~ अकेले प्रदर्शनी के माध्यम से उद्यमियों ने की 40 करोड़ रुपए से ज्यादा की रिकॉर्ड सेल
~ प्रदेश के विभिन्न जनपदों से शीर्ष 20 उद्यमियों ने हासिल किया 630 करोड़ से अधिक का निर्यात ऑर्डर
~ 2023 में पहले संस्करण के दौरान भी 1000 करोड़ से अधिक रहा था ओवरऑल बिजनेस वॉल्यूम
~ यूपीआईटीएस 2025 में एक बार फिर‘मेक इन इंडिया’ व ‘लोकल फॉर वोकल’ को मिलेगा वैश्विक मंच
लखनऊ, 28 अगस्त। उत्तर प्रदेश का इंटरनेशनल ट्रेड शो (यूपीआईटीएस) अब प्रदेश की पहचान को वैश्विक व्यापार मानचित्र पर स्थापित करने का मजबूत जरिया बन चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आयोजित इस आयोजन ने 2023 और 2024 में सफलता के नए आयाम गढ़े और अब तीसरे संस्करण 2025 से और बड़ी उम्मीदें जुड़ गई हैं। माना जा रहा है कि यह आयोजन निवेश और निर्यात के नए रिकॉर्ड कायम करेगा तथा प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय व्यापार जगत में और अधिक मजबूती प्रदान करेगा।
ऐतिहासिक शुरुआत से मिली मजबूती
यूपीआईटीएस की शुरुआत वर्ष 2023 में हुई थी। पहले संस्करण में 2000 से अधिक प्रदर्शकों ने प्रदेश की कला, संस्कृति, कृषि और औद्योगिक ताकत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत किया। इस दौरान 60 देशों के 350 विदेशी खरीदार और करीब 3 लाख विजिटर्स शामिल हुए। आयोजन से 1000 करोड़ रुपए से अधिक का बिजनेस वॉल्यूम दर्ज हुआ।
2024 का आयोजन रहा और भी सफल
दूसरा संस्करण 2024 में और प्रभावशाली साबित हुआ। वियतनाम को सहयोगी देश के रूप में शामिल करने वाले इस आयोजन में 2122 प्रदर्शकों और 70 देशों से आए 350 विदेशी खरीदारों के अलावा लगभग 5 लाख विजिटर्स ने हिस्सा लिया। बी2बी और बी2सी मॉडल के जरिए 2200 करोड़ रुपए से अधिक के निर्यात ऑर्डर प्राप्त हुए। वहीं 40 करोड़ रुपए से ज्यादा की सीधी बिक्री भी हुई। सबसे खास उपलब्धि यह रही कि शीर्ष 20 उद्यमियों को ही 630 करोड़ रुपए से अधिक के निर्यात ऑर्डर मिले।
ग्लोबल ब्रांडिंग का प्रतीक
यूपीआईटीएस ने केवल कारोबार बढ़ाने का मंच ही नहीं दिया बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ को भी वैश्विक पहचान दिलाई। राज्य सरकार की ओडीओपी, स्टार्टअप, एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन नीतियों ने इस आयोजन को और सशक्त बनाया।
2025 से जुड़ी उम्मीदें
तीसरे संस्करण को लेकर इस बार खास रणनीति बनाई जा रही है। उम्मीद है कि परंपरागत उत्पादों के साथ-साथ हाई-टेक सेक्टर्स में भी निवेश और निर्यात के बड़े मौके पैदा होंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यूपीआईटीएस 2025 प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई देगा और उत्तर प्रदेश को वैश्विक व्यापार मानचित्र पर और मजबूत करेगा।