Varanasi: वर्दी की इज्ज़त को किया तार-तार, दरोगा ने ‘स्पेशल क्राइम ब्रांच’ बनाकर कारोबारी से की 42 लाख की लूट

मो० आरिफ अंसारी

 

~ वाराणसी में नकली क्राइम ब्रांच का सरगना निकला असली दरोगा

~ गैंग बनाकर करता था वारदात; कारोबारी के 42 लाख लूटे; 40 घंटे चली पूछताछ

 

वाराणसी। पुलिस का काम है जनता को अपराध औऱ अपराधियों से बचाना। मगर एक दरोगा ने वर्दी पहनकर उसी वर्दी की आड़ में ऐसा कांड करने लगा जो पेशेवर अपराधी करते हैं। मामला कमिश्नरेट पुलिस के कैंट थाना के एक चौकी इंचार्ज का है, जिसने एक अलग ‘स्पेशल क्राइम टीम’ बना रखी थी, जिसके साथ मिलकर हाईवे पर लूट की वारदात शुरू कर दी थी।

वर्दी की आड़ में दरोगा ही लूट का गिरोह चला रहा था। जिसको पुलिस ने हिरासत में लिया है। पूछताछ में पता चला कि दरोगा ने 4 शातिर युवकों के साथ नकली ‘स्पेशल क्राइम ब्रांच’ बनाई और हाईवे पर लूट की वारदात शुरू कर दी। इस वारदात में दोस्त रेकी करते थे। फिर दरोगा साथियों के साथ छापेमारी करता और जब्त माल को आपस में बांट लेते थे। आरोपी दरोगा की पहचान कैण्ट थानांतर्गत नदेसर चौकी इंचार्ज सूर्य प्रकाश पांडे के रूप में हुई है।

22 जून को दरोगा ने जीटी रोड पर ज्वेलरी कारोबारी के कर्मचारियों से 93 लाख रुपए पकड़े थे। इस पैसे में 42.50 लाख का हिसाब नहीं था जिसको हवाला का पैसा बताकर 42.50 लाख रुपए रख लिए और 50 लाख लौटा दिए। कारोबारी ने मामला की जानकारी की तो ना तो उस पैसे का और ना ही ‘स्पेशल क्राइम ब्रांच’ का मामला कही दर्ज था जिसके बाद व्यापारी ने मामला को पुलिस में दर्ज कराया। पुलिस ने जांच शुरू की तो सर्विलांस की मदद से वारदात के वक्त दरोगा का नंबर घटनास्थल पर मिला। इसके बाद कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने मामले का संज्ञान लिया। इसके बाद पुलिस ने दरोगा और उसके 2 साथियों को हिरासत में लिया गया। 40 घंटे तक कड़ी पूछताछ की गई। दरोगा से अब तक 8 लाख बरामद हो चुके हैं। उसके 2 साथी अभी भी फरार हैं। पकड़ा गया दरोगा 2019 बैच में भर्ती हुआ और प्रयागराज का निवासी है।

22 जून को 42 लाख की लूट में पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया जबकि 2 आरोपी अभी फरार हैं। बुधवार को डीसीपी गौरव बंशवाल और एडीसीपी नीतू कादयान ने लूट का खुलासा कर दिया। डीसीपी ने बताया- 24 जुलाई को रामनगर पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर चौकी भीटी के पास बंदरगाह रोड पर दबिश देकर 3 आरोपियों को पकड़ लिया। इनके पास से 8 लाख 5 हजार नगद, 2 पिस्टल 32 बोर, जिंदा कारतूस और बाइक बरामद किया गया है। अभियुक्त विकास मिश्रा के पास से लूट के 5,70,000 रुपए नगद व एक पिस्टल 32 बोर और जिंदा कारतूस मिला। जबकि अजय गुप्ता के पास से 2 लाख रुपए नगद और सूर्य प्रकाश पांडेय के पास से 35 हजार नगद, पिस्टल और जिंदा कारतूस बरामद किए गए।

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पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि हम लोगों के साथ नीलेश यादव, मुकेश दुबे उर्फ हनी व योगेश पाठक उर्फ सोनू पाठक भी शामिल थे। पुलिस ने बताया कि 22 जून की रात नीचीबाग कूड़ाखाना गली निवासी सर्राफ कारोबारी जयपाल ने अपने 2 कर्मचारियों को 93 लाख रुपए का देकर बस में बैठाया। दोनों वाराणसी से कोलकाता जा रहे थे। कारोबारी जयपाल कर्मचारी अविनाश और धनंजय को बैठाकर घर आ गए। थोड़ी देर बाद अविनाश ने कारोबारी को फोन किया। कहा- पुलिस ने कैश पकड़ लिया है। एक व्यक्ति पुलिस की वर्दी में और 2 सादे कपड़े में थे। उन्होंने खुद को चंदौली के सैयदराजा थाना की क्राइम टीम का हिस्सा बताया और हमें बस से नीचे उतार लिया। बिना नंबर प्लेट की कार में बैठाया। हमारे मोबाइल बंद करा दिए। हम दोनों से पूछताछ की। डरा-धमाकर 90 लाख में से 42 लाख 50 हजार रुपए ले लिए और फरार हो गए। हमने उन्हें बताया कि लीगल पैसा है, उन्हें डॉक्यूमेंट्स भी दिखाया, लेकिन उन्होंने एक न सुनी और पैसे लेकर चले गए।

आज शातिर दरोगा सैय्यदराजा और रामनगर थाने से अपडेट भी लेता था। बताया जा रहा है दरोगा के मोबाइल से घटना सम्बन्धी कुछ साक्ष्य भी मिले हैं।

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