Varanasi: चाइनीज मांझे ने ली युवक की जान, इलाज में लापरवाही और दबाव का आरोप, परिजनों ने की न्याय की मांग

वीरेंद्र पटेल, वाराणसी

 

वाराणसी। शहर के कज्जाकपुरा इलाके में एक दर्दनाक हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया। 31 दिसंबर, 2024 को चाइनीज मांझे की चपेट में आकर 35 वर्षीय विवेक शर्मा की गला कटने से मौत हो गई। मृतक की मां श्यामलता देवी ने पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर इस हादसे की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।

इलाज में लापरवाही और दबाव के आरोप
श्यामलता देवी के अनुसार, हादसे के बाद विवेक को तुरंत इलाज के लिए बीएचयू के ट्रामा सेंटर ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने इलाज में लापरवाही बरती। उनकी शिकायत है कि न केवल उनके बेटे को बचाने में असफलता दिखाई गई, बल्कि उनके खुद के हाथ पर लगी गहरी चोट का भी उपचार नहीं किया गया।

पीड़िता ने आरोप लगाया कि इलाज के दौरान डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन ने दबाव बनाया कि वह इस घटना में चाइनीज मांझे का नाम न लें, अन्यथा इलाज में और बाधाएं खड़ी की जाएंगी।

पोस्टमार्टम तक नहीं कराया गया
श्यामलता देवी ने यह भी आरोप लगाया कि उनके बेटे विवेक का पोस्टमार्टम तक नहीं कराया गया, जिससे हादसे की वास्तविकता को छिपाने का प्रयास किया गया। पीड़िता का कहना है कि उनका बेटा परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य था और उसकी मौत ने पूरे परिवार को आर्थिक संकट में डाल दिया है।

वाराणसी पुलिस आयुक्त से न्याय की मांग
पीड़िता श्यामलता देवी ने प्रशासन से निम्नलिखित मांगें की हैं:
1. ट्रामा सेंटर के डॉक्टरों पर कार्रवाई: इलाज में लापरवाही और दबाव डालने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
2. आर्थिक सहायता और नौकरी: मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान की जाए।
3. चाइनीज मांझे की बिक्री पर प्रतिबंध: वाराणसी सहित पूरे जिले में चाइनीज मांझे की बिक्री पर सख्ती से रोक लगाई जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

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प्रतिबंधित चाइनीज मांझे पर प्रशासन की सुस्ती
चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध के बावजूद इसकी बिक्री धड़ल्ले से जारी है। आए दिन यह खतरनाक मांझा लोगों की जान ले रहा है। बावजूद इसके प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं और चाइनीज मांझे की बिक्री पर तुरंत प्रतिबंध लगाने की मांग की है।

परिवार की अपील, न्याय चाहिए, सहानुभूति नहीं
श्यामलता देवी ने कहा कि वह अपने बेटे को तो वापस नहीं ला सकतीं, लेकिन वह चाहती हैं कि उनके साथ हुई नाइंसाफी किसी और के साथ न हो। उन्होंने प्रशासन से न्याय दिलाने और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की गुहार लगाई है।

वाराणसी की यह घटना प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि अगर समय रहते चाइनीज मांझे पर लगाम नहीं लगाई गई, तो यह घातक धागा और कई मासूम जिंदगियों को छीनता रहेगा।

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