Varanasi: जघन्य अपराध के आरोपी की जमानत याचिका के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पुलिस को दिया पत्रक
मो० आरिफ़ अंसारी
वाराणसी। नदेसर स्थित काशीराम अपार्टमेंट में 26 जून 2024 को 13 वर्षीय रानी (बदला हुआ नाम) के साथ हुई बलात्कार और हत्या के मामले में आरोपी आशीष कुमार उर्फ गोलू की जमानत याचिका के खिलाफ युवा फाउंडेशन के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एडीसीपी ममता रानी को एक पत्रक सौंपा है।
इस पत्रक में कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि अभियुक्त की जमानत पर रिहाई से स्थानीय लोगों में भय और अशांति बढ़ेगी। पत्रक में उल्लेखित है कि मृतका की मां अनीता देवी द्वारा 27 जून को थाना कैन्ट में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया था।
बता दें कि 4 महीने पहले वाराणसी के कैण्ट थानांतर्गत नदेसर में 13 वर्षीय बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या का मामला सामने आया था जिसमे आरोपी बच्ची का मुंहबोला भाई था, जिसका नाम आशीष उर्फ गोलू है जिसने पहले उसने बच्ची को चाट खिलाया, फिर बहला-फुसला कर उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद उसकी हत्या कर शव को पानी की टंकी में छिपा दिया था।
आरोपी के खिलाफ दर्ज मामले में धारा 363, 302, 201, 376A भारतीय दंड संहिता और पाक्सो एक्ट की धाराएं लगाई गई हैं। घटना के बाद से इलाके में असुरक्षा का माहौल बना हुआ है, जिससे लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजने और खेलने के लिए बाहर भेजने में डरने लगे हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता सीमा चौधरी का कहना है कि ऐसे मानसिक रोगी व हत्यारा किसी प्रकार से अगर जमानत पर बाहर निकल गया तो लोग अपने बच्चों को बाहर भेजना बन्द कर देंगे, ऐसे लोग सभ्य समाज के लिए ठीक नही है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि ऐसे मानसिकता वाले आरोपी को जमानत मिलती है, तो यह न केवल समाज में अव्यवस्था का कारण बनेगा, बल्कि इससे ऐसे जघन्य अपराधों को बढ़ावा भी मिलेगा।
पत्रक में मांग की गई है कि पुलिस प्रशासन आरोपी की जमानत याचिका को रद्द करने के लिए उचित कदम उठाए ताकि लोक व्यवस्था और सामान्य जीवन सुचारु रूप से चल सके।
युवा फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं ने इस घटना की गंभीरता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि समाज में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने पुलिस और न्यायिक प्रणाली से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि ऐसे जघन्य अपराधियों को किसी भी स्थिति में बख्शा न जाए।
इस मामले में आगे की कार्रवाई की प्रतीक्षा की जा रही है, जबकि स्थानीय समुदाय अभी भी इस जघन्य अपराध के प्रभाव से उबरने की कोशिश कर रहा है।